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Sunday, August 13, 2017

दरकता लोकतंत्र

    आप जो हर रोज़ लोकतंत्र - लोकतंत्र कहते हैं मुझे समझ नहीं आता. आप मुझे अजीब कह सकते हैं .आपके पास हक़ है, अधिकार है. बिल्कुल कहिये. किसी ...
Friday, February 26, 2016

एक आंसू

बरसों पहले गिरा था एक आंसू जाने क्यूँ वो आँखों की नमी बरक़रार है !!! - शाहिद अजनबी चित्र - साभार - गूगल 

इश्के शहर

देखा जाए तो हर दिन मुहब्बत का है, जिस दिन में मुहब्बत नहीं वो दिन कैसा ? शायद हम और आप ऐसी दुनिया की कल्पना भी नहीं कर सकते , जहाँ मुहब्बत ...
Monday, May 11, 2015

हर ख्वाब गर उतर पाता

20.9.14 हर ख्वाब गर उतर पाता हकीक़त की ज़मीं पर जन्नत की आरजू में परेशां न फिरते लोग ....!!! - ज़ारा खान चित्र - सा...
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